हिन्दुस्तान तहलका / संवाददाता
फरीदाबाद – कोआर्डिनेशन ऑफ एनएचपीसी एम्पलाइज यूनियन के बैनर तले कॉर्पोरेट मुख्यालय पर सोमवार को ठेका कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। एएचपीसी व सीटू की जिला इकाईयों से कर्मियों व मजदूरों ने धरने को समर्थन दिया। सीआईटीयू के महासचिव एवं पूर्व सांसद का. तपन सेन, एआईएसजीईएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ईईएफआई के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, कोआर्डिनेशन कमेटी के वर्किंग प्रेसिडेंट कश्मीर सिंह, ईईएफआई के सेकेट्री सुदीप दत्ता, हिमाचल सीटू के महासचिव प्रेम गौतम, सचिव सुदेश ठाकुर,कोआर्डिनेशन कमेटी के नेता सुशील व धर्मसिंह ,एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, सीटू के जिला अध्यक्ष निरंतर पाराशर, सचिव वीरेंद्र डंगवाल,रवि गुलिया व सुधा पाल आदि ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में एनएचपीसी ने ढाई हजार करोड़ से बढ़कर साढ़े तीन हजार करोड़ हो गया है। जबकि रेगुलर कर्मचारियों की संख्या 7 हजार से घटकर 5 हजार हो गई है। यह सब मुनाफा ठेका कर्मचारियों की मेहनत के दम पर हासिल किया गया है। इसके बावजूद एनएचपीसी मेनेजमेंट ठेका कर्मियों की मांगों का समाधान करना तो दूर अपना कर्मचारी तक मानने को तैयार नहीं है। जिसके कारण ठेका कर्मियों को सोमवार को मजबूरीवश एनएचपीसी कारपोरेट मुख्यालय पर मार्च करना पड़ है।
एनएचपीसी के एचआर डारेक्टर व अन्य संबंधित अधिकारियों ने यूनियन के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। कांट्रेक्ट वर्कर को हड़ताल न करने की अंडरटेकिंग दिए बिना सितंबर, 2023 बढ़ाए गए वेतन के भुगतान करने पर सहमति हुई। पहली हड़ताल न करने की अंडरटेकिंग देने के बाद बढ़ोतरी करने के आदेश दिए गए थे। इस मामले में कोई एग्रीमेंट होगा तो ठेका कर्मचारी की केवल यूनियन के साथ किया जाएगा। इसके अलावा मेनेजमेंट ने सभी प्रोजेक्ट में एक समान वेतन देने का आने वाले दिनों में प्रयास करने, कांट्रेक्ट वर्कर की समस्याओं के समाधान के लिए स्थाई मैकेनिज्म बनाने का भी भरोसा दिलाया। मैनेजमेंट ने अगामी डिस्कसन अगली अपेक्स बॉडी की मीटिंग में करने का आश्वासन दिया।ठेका कर्मचारियों को नियमित करने व समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग को निरंतरता में उठाने और संगठन को सभी प्रोजेक्ट में मजबूत करने का फैसला लिया गया। एनएचपीसी कोआर्डिनेशन कमेटी ने सभी वर्कर्स को शानदार संधर्ष के लिए क्रांतिकारी बधाई दी और धरने प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया।