➡भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होती है – आचार्य छेलबिहारी
हिन्दुस्तान तहलका / संवाददाता
पृथला / फरीदाबाद – पलवल के गांव बघौला में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का रविवार से शुभारम्भ हुआ। इसे लेकर सुबह बडी संख्या में आयोजन स्थल पर श्रद्धालु इकट्ठा हुए। जहां से कलश यात्रा शुरू की गई। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में छोटे-छोटे बच्चे, युवती व महिलाओं ने हिस्सा लिया। राधे-राधे के उद्घोष से पूरा माहौल भक्ति के रस में डूबा रहा।
कलश यात्रा कॉलोनी, हाईवे, देवली रोड व श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर होते हुए आयोजन स्थल तक निकाली गई। डीजे व बैंड बाजों की धुन के बीच निकाली गई कलश यात्रा के दौरान भव्य झांकियां भी निकाली गई। इसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच पुरोहितों द्वारा कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। कथा व्यास आचार्य छेल बिहारी शरण ने विधिविधान पूर्वक पूजन संपन्न कराया। व्यास पीठ पर आसन होने के पश्चात् माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। इस अवसर पर व्यास जी ने पहले दिन श्रीमद् भागवत कथा की महिमा का बखान करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होती है। भागवत श्रवण से प्रेतयोनी से मुक्ति मिलती है। भगवान की कथा तथा सत्संग पूर्व जन्मों के पुण्य कर्मों से ही प्राप्त होती है। भागवत कथा सुनने से मानव का कल्याण होता है तथा सांसारिक वृत्तियों का नाश हो जाता है। भागवत कथा में भगवान के विभिन्न अवतारों की कथाओं का वर्णन किया गया है। राजा परीक्षित को जब पता चला कि ऋषि के श्राप के कारण एक सप्ताह के बाद उनकी मृत्यु हो जाएगी तो उन्होंने अपने कल्याण के लिए महाराज शुकदेव से भागवत कथा को सुना। भागवत कथा को सुनने से राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त हुआ। कथा व्यास ने कहा कि मानव को अपने जीवन को सुधारने के लिए सदैव अच्छे कार्य करते रहना चाहिए। उसी से मानव का कल्याण हो सकता है। कथा व्यास ने कहा कि मानव को अपने जीवन को सुधारने के लिए सदैव अच्छे कार्य करते रहना चाहिए। उसी से मानव का कल्याण हो सकता है। कथा के आयोजक ठाकुर लाल, मुकेश कुमार व छत्तर पाल व भूदेव ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे हर दिन श्रीमदकथा का श्रवण कर लाभ उठाएं।