-11वीं लिस्ट में है छह प्रत्याशियों के नाम
हिंदुस्तान तहलका/ संवाददाता
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 11वीं लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 6 प्रत्याशियों के नाम हैं। गोंडा से भाजपा प्रत्याशी कीर्तिवर्धन सिंह के सामने सौरभ कुमार मिश्रा को टिकट दिया है। डुमरियागंज से मोहम्मद नदीम मिर्जा को टिकट दिया है। यहां से भाजपा ने जगदंबिका पाल को मैदान में उतारा है। इसके अलावा बसपा ने कैसरगंज से नरेंद्र पांडेय, संतकबीरनगर से नदीम अशरफ, बाराबंकी से शिव कुमार दोहरे को चुनावी मैदान में उतारा है। इस लिस्ट में पार्टी ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से तीसरी बार उम्मीदवार बदल दिया है। बसपा ने इस सीट से सबीहा अंसारी का टिकट बदलकर अब महमूद अहमद को टिकट दिया है।
बसपा ने 20 दिन में आजमगढ़ से तीसरी बार प्रत्याशी बदला
आजमगढ़ से बसपा ने 20 दिन में तीसरी बार प्रत्याशी बदल दिया है। 12 अप्रैल को बसपा ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को टिकट दिया था। 28 अप्रैल को जारी नई लिस्ट में भीम राजभर का टिकट काटकर उनको सलेमपुर शिफ्ट कर दिया था। 28 अप्रैल को कांग्रेस नेता मशहूद अहमद की पत्नी सबीहा अंसारी को टिकट दिया। फिर 2 मई को सबीहा का टिकट काटकर उनके पति मशहूद को उतारा है। मशहूद कांग्रेस नेता हैं। वह आजमगढ़ के जिला उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने अभी बसपा जॉइन की या नहीं ? यह कंफर्म नहीं हो पाया है। आजमगढ़ से भाजपा ने भोजपुरी एक्टर और मौजूदा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ और सपा ने अखिलेश के चेचेरे भाई धर्मेंद यादव को उतारा है। यह सीट मुस्लिम और यादव बाहुल्य है। कांग्रेस 11वीं लिस्ट में बसपा की सोशल इंजीनियरिंग नजर आई है। 2 ब्राह्मण, 3 मुसलमान और एक एससी को टिकट दिया है।
अब तक 79 प्रत्याशियों को उतारा, सिर्फ श्रावस्ती ऐलान बाकी
यूपी में बसपा प्रत्याशियों के ऐलान में सबसे आगे है। अब तक 80 में से 79 प्रत्याशियों को उतार चुकी है। सिर्फ श्रावस्ती सीट पर ऑफिशियल ऐलान बाकी है। भाजपा-कांग्रेस की बात करें तो 2-2 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है। भाजपा ने रायबरेली और कैसरगंज और कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवार नहीं उतारा है।
3 लोकसभा में घटा बसपा का वोट शेयर, विधानसभा में 12 फीसदी पहुंचा
यूपी में बसपा का वोट शेयर 3 लोकसभा चुनाव से लगातार घट रहा है। 2009 लोकसभा में बसपा को 27.4 फीसदी वोट मिला। 2014 में यह घटकर 19.8 फीसदी पर पहुंच गया। 2019 में सपा-रालोद से गठबंधन के बावजूद बसपा को 19.4 फीसदी वोट मिला। इसके अलावा, 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में बसपा को तगड़ा झटका लगा था। बसपा का वोट शेयर घटकर 12.8 फीसदी पर पहुंच गया था। इस वजह से विधानसभा की 403 सीटों में बसपा महज एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी। 1993 के चुनाव के बाद से बसपा का वोट शेयर का यह सबसे कम आंकड़ा रहा है। 1993 से 2022 के बीच हुए चुनावों में कभी भी बसपा का वोट शेयर 19 फीसदी से कम नहीं रहा है।