-टोल पर प्रदर्शन मामले में दर्ज हुआ था केस
हिंदुस्तान तहलका / गीतिका
गुरुग्राम। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के विरोध में पिछले साल मार्च में खेड़कीदौला टोल पर रास्ता रोककर प्रदर्शन करने के मामले में कांग्रेस के करनाल लोकसभा प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को जिला अदालत ने जमानत दी है। अदालत ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर उन्हें जमानत दी है। यह आदेश ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास रश्मीत कौर की अदालत ने दिया है। इससे पहले बुद्धिराजा को पंचकूला की कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा था। बुद्धिराजा पर यहां भगोड़े का केस था। उसमें भी बुद्धिराजा को जमानत मिल गई थी। इस मामले में एएसआइ योगेंद्र कुमार की शिकायत पर तत्कालीन युवा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा समेत 10 के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था।
सुबह करीब 10 बजे अदालत में पेश हुए दिव्यांशु बुद्धिराजा
कांग्रेस के करनाल प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा के अधिवक्ता अनिल सुरा ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने नवंबर में अदालत में चालान पेश किया था। अदालत की तरफ से उन्हें नोटिस जारी किया गया था। वह सोमवार सुबह करीब 10 बजे अदालत में पेश हुए थे। सोमवार को अदालत में पेश होकर उन्होंने जमानत ली। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने उनके विरुद्ध पांच मामले दर्ज कराए थे। वह दबने वाले नहीं है।
क्या है मामला?
एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी ) ने जब राहुल गांधी पर केस दर्ज किया था तो यूथ कांग्रेस नेताओं ने देश भर में प्रदर्शन किया था। इसी मामले में बुद्धिराजा पर खेड़की दौला टोल पर प्रदर्शन कर टायर जलाने का आरोप लगा था। कांग्रेस उम्मीदवार बुद्धिराजा ने कहा कि करनाल से भाजपा उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर ने खुद मुख्यमंत्री रहते हुए उनके खिलाफ पांच केस दर्ज करवाए। ये सब झूठे केस हैं। इन्हीं में एक केस गुरुग्राम में दर्ज किया गया था। जिसके बाद कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए वह कोर्ट में पेश हुए हैं।
खट्टर इतना दबाव न डालें कि डर ही खत्म हो जाए
बुद्धिराजा ने अपने विरोधी भाजपा उम्मीदवार को कहा कि मनोहर खट्टर पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को इतना भी नहीं डराना चाहिए या उस पर इतना दबाव नहीं डालना चाहिए कि उसका डर ही खत्म हो जाए। बुद्धिराजा ने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मामले हरियाणा के लोगों और युवाओं की आवाज उठाने के बदले किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार घबराई हुई है।
टिकट के अगले दिन भगोड़े केस का पता चला
इससे पहले बुद्धिराजा के खिलाफ पंचकूला में भगोड़े का केस सामने आया था। इसका पता तब चला, जब बुद्धिराजा को करनाल से कांग्रेस की टिकट मिली। कोर्ट में पेश न होने की वजह से बुद्धिराजा पर यह केस दर्ज हुआ था। इस मामले में बुद्धिराजा हाईकोर्ट गए। हालांकि वहां से कोई राहत नहीं मिली। मगर, लोकसभा चुनाव लड़ने का हवाला देकर बुद्धिराजा के वकीलों ने याचिका की सुनवाई आगे टालने की मांग की, जिसे हाईकोर्ट ने कबूल कर लिया। उसके अगले ही दिन बुद्धिराजा ने पंचकूला कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जहां से उन्हें जमानत मिल चुकी है। यह भगोड़ा केस उनके बेरोजगारी को लेकर सीएम के काफिले में घुसने की कोशिश करने और पोस्टर लगाने को लेकर दर्ज हुए मामले में दर्ज किया गया था।