हिंदुस्तान तहलका / प्रवीण कौशिक
घरौंडा – गांव बरसत में गली निर्माण के लिए फैक्ट्री मालिकों से लाखों की रकम लेने के आरोपों के घिरे सरपंच ने लिया यू टर्न ले लिया है। सरपंच व जांच अधिकारी का अब कहना है कि इस गली को पंचायत के खर्चे से नहीं बनवाया जा रहा है। गली बनाने के लिए सरपंच ने फैक्ट्री मालिकों को मौखिक परमिशन दे रखी है। बिना किसी लिखित इजाजत के पंचायती गली को निजी फैक्ट्री मालिकों द्वारा बनाना सरपंच के साथ-साथ जांच अधिकारी जांच को भी संदेह में खड़ा करता है।बरसत गांव में बीस लाख से अधिक की लागत बन रही एक गली का निर्माण सवालों के घेरे में आ गया है। इस गली में लगभग पंद्रह फैक्ट्री चल रही है। करीब एक महीने पहले ग्राम पंचायत ने गली को उखाड़ दिया। जिससे फैक्ट्री मालिकों और मजदूरों के लिए समस्या खड़ी हो गई। आरोप लगे कि गली को बनाने की एवज में सरपंच ने फैक्ट्री मालिकों से लाखो रुपए लिए जिसके बाद निर्माण शुरू हुआ। गली बनाने के लिए हुई वसूली की बात बीडीपीओ दफ्तर तक पहुंची तो अधिकारी जांच करने गांव में पहुंचे।
मंगलवार को बरसत गांव में ग्राम पंचायत द्वारा करवाए जा रहे गली निर्माण कार्य की जांच करने पहुंचे बीडीपीओ अशोक छिक्कारा ने जब सरपंच नवीन से जवाब तलब किया सरपंच ने अपने बयान से यू टर्न ले लिया। नवीन ने जवाब दिया कि फैक्ट्री वाली गली का निर्माण खुद फैक्ट्री मालिक अपने खर्च से करवा रहे है। ग्राम पंचायत की उसमे कोई भूमिका नहीं है। जबकि दो दिन पहले सरपंच नवीन कुमार ने मीडिया को दी जानकारी में बताया था कि गली उन्होंने उखाड़ी है और किन्ही कारणों से निर्माण में देरी हुई। सरपंच ने ये भी कहा था कि फैक्ट्री मालिकों से पैसे लेने की बात झूठी है और वे जल्द ही गली का काम पूरा करवा देंगे।
ऐसे में जांच अधिकारी के सामने सरपंच अपने बयान से मुकर गया और गली निर्माण में पंचायत की भूमिका से इंकार कर दिया लेकिन ये जरूर स्वीकार किया कि गली बनाने का खर्च फेक्ट्री मालिक कर रहे है। बीडीपोओ अशोक छिक्कारा ने बताया कि गांव में दो गलियां बन रही है। महाग्राम योजना के काम के बाद गलियां खराब हुई थी लेकिन पब्लिक हेल्थ ने गली ठीक नही करवाई जिसके बाद पंचायत अपने खर्च पर ठीक करवा रही है। फैक्ट्री वाली गली फैक्ट्री मालिक अपने खर्च से बनवा रहे हैं क्योंकि पंचायत के पास पैसा नहीं था। सरपंच से मौखिक इजाजत ली गई है। वही पब्लिक हेल्थ के , का कहना है कि गांव बरसत में करोड़ों रुपए की लागत से महा ग्राम योजना का कार्य चल रहा है। जिसके अंतर्गत विभाग द्वारा जो गालियां उखाड़ कर उसमें सीवरेज डाला है दोबारा उन गलियों को इस प्रकार से ठीक कर दिया गया था।