-सरकार किसानों की मांगें मान ले; बुलावा आया तो जाएंगे
हिन्दुस्तान तहलका / प्रवीण कौशिक
घरौंडा – अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कुछ करने के लिए शंभू टोल प्लाजा व अन्य रास्तों पर पिछले 4 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के किसानों के ऊपर छोड़े गए आंसू गैस के गोले व प्रशासन के साथ हुई आपसी झड़प और किसानों की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के आह्वान पर सैकड़ो किसान आज बस्ताडा टोल प्लाजा पर पहुंचे। अपने पूरे नियोजित कार्यक्रम के अनुसार किसानों ने 3 घंटे का सांकेतिक धरना प्रदर्शन करते हुए 3 घंटे के लिए टोल फ्री करवा दिया। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी पुलिस बल मौक़े पर मौजूद रहा।
किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अजय राणा के अध्यक्षता में हुए इस धरना प्रदर्शन में किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि सरकार की हठ धर्मिता के चलते उन्हें दोबारा फिर सड़कों पर आना पड़ गया है। किसान नेता अजय राणा ने कहा कि धरने प्रदर्शन का आज तो यह मात्र टेलर है। यूनियन के आह्वान पर क ब्लॉक सदर पर ट्रैक्टर रैली का आयोजन केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया जाएगा।इस दौरान किसानों धरने पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचे। उन्होंने बॉर्डर पर किसानों पर लाठी चार्ज, रबर बुलेट और बल प्रयोग करने पर नाराजगी जताई । किसान आंदोलन के बीच एक बार फिर गुरनाम चढूनी ने राजनीतिक प्रेम जाहिर करते हुए किसानों से किया अपनी सरकार बनाने का आह्वान किया।
ट्रैक्टर मार्च पर किसानों से की ये अपील
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मोदी की लोकप्रियता को लेकर ब्यान दिया, जिस पर चढूनी ने कहा कि किसान आंदोलन किसानों की मांगों को लेकर है और पूरे देश का किसान डल्लेवाल के पीछे नहीं है, आंदोलन में तो 20 किसान नेता ओर बैठे हुए है, एक व्यक्ति के ब्यान को इतना ज्यादा हाईलाइट नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 17 फरवरी को हरियाणा के सभी तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इसलिए किसानों से आह्वान है कि कोई भी किसान ट्रेक्टर के साथ गांव में न बैठा रहे, इस आंदोलन में हिस्सा ले और किसानों की आवाज को उठाए और यह ट्रेक्टर मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाएगा। किसान आंदोलन के अंदर शरारती तत्वों की एंट्री के सवाल पर चढूनी ने कहा कि यह सरकार को देखना है और सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जांच करें।
18 फरवरी को दोबारा करेंगे मीटिंग
उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन करने वाले किसान नेताओं की और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच बैठके हुई है, लेकिन क्या कुछ नतीजा रहा है इसके बारे में वे ही नेता ज्यादा जानते है लेकिन बात सिरे नहीं लग पाई है। अब 18 फरवरी को दोबारा बैठक होने की जानकारी मिली है। अगर कोई बुलाएगा तो हम जाएंगें। चढूनी से पूछा गया कि अगर आप होते तो क्या अब तक दिल्ली कूच कर जाते, तो चढूनी ने कहा कि मैं कोई खुदा नहीं हूं और न ही मैं इतना बलशाली नहीं हूं कि दिल्ली कूच कर जाऊं। वह तो परमात्मा की मर्जी है कि क्या हो सकता था और क्या नहीं हो सकता था। चढूनी से पूछा गया कि अगर किसान दिल्ली कूच कर जाते है तो क्या आप जाओगे, चढूनी ने जवाब दिया कि अगर कोई लेकर जाएगा तो मैं जाऊंगा।
टोल को 8 लाख रुपए का हुआ नुकसान
किसानों द्वारा आज प्रदेश के सभी टोल को 12 से 3 बजे तक फ्री करने का आह्वान किया था। जिसके चलते बस्ताडा टोल प्लाजा भी 3 घंटे पूरी तरह से फ्री रहा। टोल प्रबंधक समीर साल्वे के अनुसार टोल से प्रतिदिन करीब 40 हजार वाहन आवागमन करते हैं। हालांकि किसानों के धरने प्रदर्शन के चलते टोल पर वाहनों का आवागमन कुछ कम है। लेकिन इन तीन घंटो में करीब 8 लाख रुपए के राजस्व की हानि टोल को उठानी पड़ी है।