जनसेवा वाहिनी संस्था के आंकड़ों ने चौंकाया
22 जिलों से 24 हजार 643 मरीजों का हुआ सर्वे
– फरीदाबाद-अंबाला का जल नहीं पीने योग्य
-2000 सैंपल-37 फीसदी ही निकला शुद्ध,
तहलका जज्बा / दुष्यंत त्यागी
चंडीगढ़,20 अप्रैल। हर नल जल, घर – घर जल पहुंचाने का हरियाणा सरकार का नारा इतना ही बेकार निकला जितना बेकार यहां का पानी है। जल ही कल है की जगह दूषित जल ही काल ना बन जाए तो कोई बड़ा आश्चर्य नहीं होगा। राज्य एवं केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार के स्वच्छ जल, हर नल जल, भू – जल संरक्षण, घर – घर जल पहुंचाने के दावे हवा हवाई निकले हैं। प्रदेश में किए गए सर्वे रिपोर्ट की जांच-पड़ताल इन तमाम दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। शहरी एवं ग्रामीण आबादी में जलापूर्ति वाला जल गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतर रहा है। हरियाणा के 22 जिलों के 24 हजार 643 मरीजों पर हुए सर्वेक्षण की रिपोर्ट में फरीदाबाद-अंबाला का जल पीने लायक नहीं है। प्रत्येक 15 में से 13 व्यक्तियों को पीने के लिए स्वच्छ जल नसीब नहीं है।
फरीदाबाद और अंबाला में 15 में से 13 व्यक्तियों को स्वच्छ जल नसीब नहीं होता। प्रदेश में विगत 24 वर्षों से सामाजिक गतिविधियों में कार्यरत जनसेवा वाहिनी संस्था की अध्यक्ष पूनम मिश्रा का कहना है कि जगह-जगह पानी की सप्लाई करने वाले दुकानदार धड़ल्ले से खिलवाड़ कर रहे हैं। अवैध कॉलोनियों में ही पानी माफिया ज्यादा पनपते हैं। इनकी शिकायत और चेकिंग लीपा-पोती के सिवाय कुछ नहीं है। अधिकारियों का सुविधा शुल्क बिना असुविधा के उन तक पहुंच जाता है। यही हाल रहा तो 2040 तक हरियाणा प्रदेशवासी विभिन्न रोगों से ग्रस्त हो जाएंगे और हरियाणा ‘रोगी प्रदेश’ कह लाएगा।
फरीदाबाद में है भूजल केंद्र मुख्यालय
जनसेवा संस्था अध्यक्ष पूनम मिश्रा ने बताया कि कहने के लिए तो फरीदाबाद एनएच 4 स्थित भूजल केंद्र मुख्यालय है। जिसमें देशभर के जल- भूजल संबंधित तमाम तरह की रिसर्च कार्य किए जाते हैं। भूजल केंद्र के एक विश्वस्त सूत्र ने अपना नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि पानी को लेकर ना तो सरकार गंभीर है ना ही जनता। भविष्य में सभी के लिए पर्याप्त स्वच्छ जल उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती बनने वाली है।
सिविल अस्पताल में नहीं मिलता शुद्ध पानी
जिला नागरिक अस्पताल में वाटर कूलर के पानी के नमूने की जांच करने वाले स्वास्थ्य निरीक्षक हरेंद्र सिंह के अनुसार वह नियमित रूप से पानी की रिपोर्ट जांच के लिए भेजते रहते हैं। जवाहर कॉलोनी वासियों ने नगर निगम मुख्यालय गंदे पानी की सप्लाई की शिकायत सौंपी। जिसमें लोगों ने लिखा कि दूषित जलापूर्ति के कारण चर्म रोग हो रहे हैं। सिविल अस्पताल में 2500 से अधिक मरीज प्रतिदिन आते हैं। शहर में नगर निगम जलापूर्ति कार्य करता है। स्वयं निगम मुख्यालय और सिविल अस्पताल में आने वालों के लिए यहां पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं होता।
किडनी, पथरी, टीबी और कैंसर का बढ़ रहा प्रकोप
सर्वे में शामिल मरीजों में अत्यधिक संख्या जलजनित बिमारी की चपेट में आने वालों की हैं। जिसके चलते पेट रोग, किडनी संक्रमण, पथरी, टीबी और कैंसर की बिमारियों का प्रकोप बढ़ रहे हैं। पीएमओ कार्यालय के अनुसार अस्पताल में दूषित जलापूर्ति का मामला उनके संज्ञान में है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अनुसार 52 नमूने में से 33 नमूने फेल आए जिसकी रिपोर्ट नगर निगम मुख्यालय को भेज दी गई है।
हरियाणा प्रदेश के 22 जिलों में से 24 हजार 643 मरीजों पर आधारित सर्वेक्षण किया गया। जिसमें ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के पुरुष एवं महिलायें शामिल हैं। अस्पताल, डिस्पेंसरी और घर पर संपर्क करके उक्त मरीजों के आंकड़ों को एकत्रित किया गया है। जिसका ब्यौरा निम्नलिखित है।