⇒ बदमाशों ने प्रमोद यादव पर चलाई करीब 7-8 राउंड गोलिया
हिंदुस्तान तहलका / ब्यूरो
जौनपुर – जौनपुर में बदमाशों ने दिनदहाड़े भाजपा के जिला मंत्री प्रमोद कुमार यादव (Pramod Kumar Yadav) पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। स्थानीय लोग आनन-फानन में अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गई है। घटना को लेकर इलाके में हड़कंप मच गया।
मौके पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। भाजपा नेता की हत्या की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई। पुलिस टीम आनन-फानन मौके पर पहुंची और छानबीन कर रही है। घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। प्रमोद यादव की हत्या में अभी तक किसी के खिलाफ आरोप तय नहीं हुए हैं। पुलिस बदमाशों की पहचान में जुटी हुई है। इसके लिए बाकायदा सीसीटीवी (CCTV) फुटेज की जांच कर रही है और चश्मदीदों को खोज रही है। मामला सिकरारा थाना क्षेत्र के बोधापुर गांव का है।मौजूदा समय में भाजपा संगठन के जिला महामंत्री थे।
बदमाशों ने करीब 7-8 राउंड फायरिंग की
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह 10 बजे प्रमोद यादव घर से अपनी क्रेटा कार लेकर निकले थे। वे जैसे ही रायबरेली-जौनपुर हाईवे पर पहुंचे, तो बाइक सवार दो बदमाशों ने शादी का कार्ड दिखाकर रुकने का इशारा किया। जबकि तीसरा बदमाश दूर खड़ा रहा। प्रमोद यादव रुके और कार का शीशा नीचे करके बात करनी चाही, तभी बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। बदमाशों ने करीब 7-8 राउंड फायरिंग की। इसमें से छह गोलियां प्रमोद यादव को लगीं। चार गोली पेट में और एक-एक गोली कंधे और जांघ में लगी। वारदात के बाद तीनों बदमाश बाइक से फरार हो गए।
2012 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भरा था पर्चा
प्रमोद यादव ने 2012 के विधानसभा चुनाव में जौनपुर की मल्हनी सीट से बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह के खिलाफ बीजेपी (BJP) के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में सपा के पारस नाथ यादव ने जीत हासिल की था, वहीं जागृति सिंह दूसरे नंबर पर रही थीं। हालांकि साल 2017 में धनंजय और जागृति का तलाक हो गया था। उसके बाद धनंजय ने तीसरी शादी श्रीकला रेड्डी से कर ली थी, जोकि अभी जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। राजनीतिक तौर पर प्रमोद यादव बीजेपी के अच्छे नेता के तौर पर पहचान रखते थे।
तीनों की पहचान कर ली गई: एसपी
एसपी जयपाल शर्मा ने बताया कि दो बदमाश शादी का कार्ड देने के बहाने से आए। उन्होंने पहले प्रमोद यादव से बातचीत करने का प्रयास किया और गोली मार दी। एक बदमाश कुछ दूरी पर मौजूद था। हत्या को अंजाम देने के बाद तीनों मौके से फरार हो गए। तीनों की पहचान कर ली गई है और तलाश की जा रही है।
प्रमोद के पिता की भी 1980 में गोली मारकर की गई थी हत्या
प्रमोद यादव के पिता राजबली यादव की भी वर्ष 1980 में गोली मारकर हत्या हुई थी। वे जनसंघ से जुड़े थे। शाम को हल्की बारिश में वे शहर से एक मित्र के साथ मूरकटवा आए थे। वहां से बाइक छोड़ पैदल घर जा रहे थे। जहां पहले से ही घात लगाए बैठे बदमाश ने उन्हें गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। वे एक बार जनसंघ के टिकट पर रारी विधानसभा से चुनाव लड़े थे परंतु हार गए थे।