हिंदुस्तान तहलका / तन्नू कंठ
फरीदाबाद – क्रेशर जोन हो या उद्योग यहां काम करने वाला मजदूर वर्ग धूल से हर दिन जूझ रहा है। यही नहीं मजदूर के साथ रहने वाला परिवार भी काम की जगह रहने के कारण धूल को लेकर बीमारी की चपेट में रहा है। इन मजदूरों की मदद के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने विशेष अभियान चलाया है और इसी के तहत फरीदाबाद के पाली क्रेशर जोन में बृहस्पतिवार को कई राज्यों के डॉक्टर मजदूरों को जागरूक करने पहुंचे। डॉक्टरों ने बताया कि ये मजदूर सिलिकोसिस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं और जागरूकता ही इसका बचाव है
इस मौके ईएसआई मेडिकल कॉलेज फरीदाबाद (ESI Medical College Faridabad) सहायक प्रोफेसर डॉक्टर शिप्रा सैनी (Professor Dr. Shipra Saini) ने बताया क्रेशर जोन और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों में अक्सर फेफड़ों से जुड़े रोग पाए जाते हैं। इसकी जांच हुई तो अधिकांश मजदूरों में सिलिकोसिस बीमारी के अंश मिले। शहर के आस-पास कई ऐसे उद्योग हैं जो सिलिकोसिस का पर्याय बन सकते हैं। इसमें क्रेशर प्लांट पर मजदूर दिनभर धूल से ही जूझते हैं। ऐसे मजदूरों की जान बचाना हमारा प्रमुख लक्ष्य है ।
मौके पर पहुंचे औद्योगिक स्वास्थ्य की सहायक निदेशक डॉक्टर हरेंद्र मान ने बताया कि सिलिकोसिस एक तरह की व्यवस्था जनित लाइलाज फेफड़ों की बीमारी है। जो कि क्रिस्टालीन सिलिका की धूल में कार्य करने के दौरान सांस लेने से होती है। इसमें फेफड़ों में सूजन जाती है। फेफड़ों के भागों में गांठदार घाव बन जाते हैं। सिलिकोसिस के लक्षण पर गौर करें तो यही टीबी से संबंध रखती है, सांस का फूलना, थकान होना, भूख लगना, छाती में दर्द, सूखी खांसी, सांस लेने में दिक्कत आखिरी में मृत्यु हो जाती है। ऐसी जानलेवा बीमारी से बचने के लिए सिर्फ जागरूकता ही एक इलाज है। मास्क लगाना जरूरी है और पानी का छिड़काव भी बहुत ही जरूरी है ।
इस मौके पर पाली क्रेशर जोन के प्रधान धर्मवीर भड़ाना ने बताया की केंद्र सरकार चाहती है कि ऐसे मजदूरों की जान असमय न जाए इसके लिए भारत सरकार ने ईएसआई मेडिकल कॉलेज में एक कोर्स शुरू किया है जिसमें 50 डॉक्टर को ट्रेंड किया जाएगा। एटीएम उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों को इस तरह की बीमारियों से बचाएगी ।डॉक्टर ऐसे मजदूरों की समय-समय पर जांच करते रहेंगे और उन्हें जागरूक कर मौत के मुंह में जाने से बचाएंगे । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गरीब मजदूरों का बहुत ख्याल रखती है इसलिए ऐसा कोर्स शुरू किया गया है। उन्होंने क्रेशर जोन में पहुंचने वाले सभी डॉक्टरों को धन्यवाद दिया और कहा कि जोन में जागरूकता अभियान जारी रहेगा ।