➡प्रधानमंत्री को भेजे जा रहे 10 हजार पत्र , दो हजार पत्र तैयार
हिन्दुस्तान तहलका / शिवांगी चौधरी
मथुरा – Loksabha Election से पहले यमुना एक बार फिर मुद्दा बनने जा रही है। मथुरा में कोई भी चुनाव हो उसमें यमुना शुद्धिकरण के दावे किए जाते हैं लेकिन जीतने वाले जन प्रतिनिधि फिर यमुना की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखते। यमुना का जल शुद्ध हो इसके लिए एक बार फिर ब्रजवासियों ने मुद्दा उठाया है। इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि यमुना का जल शुद्ध हो। यमुना का जल शुद्ध हो इसके लिए ब्रजवासियों ने एक समिति बनाई है। यमुना जल शुद्धिकरण संघर्ष समिति मथुरा द्वारा पिछले तीन सप्ताह से लगातार यमुना जल अविरल निर्मल के लिए आंदोलन का किया जा रहा है। समिति से जुड़े लोग कभी डीएम को ज्ञापन देते हैं तो कभी यमुना की वास्तविक स्थिति जानने के लिए दौरा करते हैं। यह समिति आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए मीटिंग भी कर रही है।
प्रथम चरण में भेजे जाएंगे 10 हजार पत्र
यमुना जल शुद्धिकरण संघर्ष समिति के अध्यक्ष पं.यज्ञदत्त शास्त्री ने बताया कि समिति के द्वारा प्रथम चरण में केवल मथुरा जिले की जनता से व्यक्तिगत पत्र भरवाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे जा रहे हैं। जिसके अंतर्गत लगभग दो हजार तीन सौ पत्र प्रधानमंत्री के मुख्य कार्यालय दिल्ली भेजे जा चुके हैं। प्रथम चरण में दस हजार पत्र भेजने का लक्ष्य है जो कि इस महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
आम लोगों से लिखवा रहे पत्र
यमुना जल शुद्धिकरण संघर्ष समिति के पदाधिकारी हर दिन शाम को एक घंटे के लिए शहर के किसी एक इलाके में जाते हैं और वहां यमुना जी की वास्तविक स्थिति बताते हैं। इसके बाद लोगों को यमुना जल के शुद्ध करने की मांग लिखा पत्र देते हैं। जिसके बाद व्यक्ति अपना नाम पता और फोन नंबर उस पत्र में लिख देते हैं। इसी अभियान के तहत समिति से जुड़े पदाधिकारी विश्राम घाट पहुंचे। जहां उन्होंने स्थानीय निवासी और बाहर से आए श्रद्धालुओं से पत्र भरवाए।
PM को पत्र में यह लिखा है
यमुना जल शुद्धिकरण संघर्ष समिति द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे जा रहे पत्र में लिखा- मैं भारत देश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते आपको अवगत कराना चाहता हूं कि करोड़ों सनातन धर्म प्रेमी जनता की आस्था का केंद्र मां यमुना जिसे भगवान कृष्ण की पटरानी भी कहा जाता है। किंतु आजादी के अमृत काल खंड में मां यमुना अपने मूल स्वरूप को छोड़ एक गंदे नाले में तब्दील हो गई है। मथुरा वृंदावन सहित करोड़ों लोगों की भावना का ख्याल रखते हुए मां यमुना को उसके मूल स्वरूप में निर्मल जल धारा प्रदान करने में अपने बहुमूल्य समय से थोड़ा ध्यान मथुरा में बह रही यमुना की तरफ दें। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री से निवेदन है कि अति शीघ्र मां यमुना को गंदे नाले में तब्दील होने से बचाने के लिए सनातन धर्म प्रेमी जनता का सहयोग करें।
गोपाल वैष्णव पीठाधीश्वर और पद्मश्री संत रमेश बाबा ने दिया समर्थन
यमुना जल के शुद्धिकरण को लेकर चल रहे आंदोलन को अलग-अलग धार्मिक संगठन और सामाजिक संगठन के लोगों का भी समर्थन प्राप्त हो रहा है। जिसके अंतर्गत गोपाल वैष्णव पीठाधीश्वर पुरुषोत्तम लाल महाराज एवम पद्मश्री संत रमेश बाबा ने भी इस मुहिम को अपना समर्थन दिया। इसके पश्चात यह मुहिम अनवरत जारी रहेगी। द्वितीय चरण में करीब दस हजार पत्र भेजने का लक्ष्य रखा गया है। जो अप्रैल महीने में पूर्ण कर लिया जाएगा। समिति के अध्यक्ष यज्ञदत्त शास्त्री ने बताया वर्तमान सांसद हेमा मालिनी द्वारा पिछले दस वर्ष में यमुना जल के शुद्ध करने के लिए कई वादे किए गए लेकिन कोई भी काम धरातल पर नहीं हुआ है। एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको यहां से प्रत्याशी बनाया दिया है।