हिंदुस्तान तहलका / योगेश भारद्वाज
खोल। विधायक गीता भुक्कल के विरुद्ध की गई बदजुबानी के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को माफी मांगनी चाहिए। यह कहना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महावीर मसानी का। उन्होंने कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री ने जिस तरह पूर्व मंत्री एवं विधायक गीता भुक्कल के साथ बदजुबानी और धमकी भरे लहजे में बात की, यह बेहद निंदनीय है। जोकि सीएम की महिला और दलित विरोधी सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सीएम सरेआम विधानसभा (CM openly assembly)में एक महिला विधायक को कैसे धमका सकते हैं ? उन्हें कौन से कानून ने इसका अधिकार दिया है ?
महावीर मसानी ने कहा कि गीता भुक्कल विधानसभा में एक बेहद ही महत्वपूर्ण बिंदु पर बात कर रही थी, लेकिन एक महिला कोच से छेड़छाड़ के आरोपी मंत्री संदीप सिंह का नाम आते ही मुख्यमंत्री ने मर्यादाहीनता की तमाम सीमाओं को लांघ दिया और वह सदन में सम्मानित विधायक को धमकियां देने लगे।
यह पहला मौका नहीं है जब मुख्यमंत्री ने इस तरह का अमर्यादित व्यवहार किया हो। अपने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सिरसा में भी इसी तरह एक बुजुर्ग दलित महिला के साथ बदजुबानी की थी, महिला नशे की चपेट में आकर अपने जवान बेटे की मौत का मुद्दा सीएम के सामने उठाने आई थी, महिला की मांग थी कि नशा कारोबारी पर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि उनकी तरह किसी और मां को अपना जवान बेटा ना खोना पड़े। लेकिन नशा कारोबारी पर कार्रवाई करने की बजाय सीएम ने सरेआम दलित महिला की बेइज्जती करने का काम किया था। इसके बाद दो और महिलाओं के साथ ऐसे ही घटनाक्रम देखने को मिले।
महावीर मसानी ने कहा कि यह वही मनोहर लाल है, जिन्होंने महिलाओं को लेकर कई बार आपत्तिजनक टिप्पणियां की है। एक बार उन्होंने कहा था कि अगर महिलाओं को आजादी चाहिए तो वो बिना कपड़ों के क्यों नहीं घूमती। उन्होंने रेप की वारदातों पर भी बेहद ही निम्न स्तर की टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि रेप की ज्यादातर मामले झूठे होते हैं। इसलिए हमारी मांग है कि खट्टर को न सिर्फ अपनी भाषा शैली पर माफी मांगनी चाहिए, बल्कि उन्हें अपनी महिला विरोधी सोच को भी बदलना चाहिए।