सीआईएसएफ रिफाइनरी थाने में रिपोर्ट करवाई दर्ज
हिंदुस्तान तहलका / शिवांगी चौधरी
मथुरा – ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र मथुरा रिफाइनरी में रविवार-सोमवार की रात को अज्ञात व्यक्ति द्वारा ड्रोन उड़ाये जाने से हड़कंप मच गया। ड्रोन गिरने पर इसकी जानकारी हुई। सीआईएसएफ जवान ने ड्रोन को पकड़ लिया। घटना के संबंध में रिफाइनरी थाने में मुकद्दमा दर्ज कराया है । ड्रोन वहां कैसे पहुंचा, किसका है और किस मकसद से वहां पहुंचा इसकी जांच की जा रही है। पुलिस ने मुकद्दमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
रविवार सोमवार की रात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान जी डी शामला मथुरा रिफाइनरी की सुरक्षा में तैनात थे। रात करीब 9 बजकर 20 मिनट पर उनको कुछ संदिग्ध वस्तु उड़ती दिखाई दी। जी डी शामला संदिग्ध वस्तु को पहचान पाते उससे पहले ही वह गिर गई। जिसके बाद मौके पर जी डी शामला पहुंचे तो वहां एक ड्रोन पड़ा हुआ था।
वॉच टावर 5 – 6 के पास मिला ड्रोन
25 फरवरी की रात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के आरक्षक जीडी शामला वॉच टावर संख्या 06 पर रात्रि पारी (समय रात 09 बजे से सुबह 05:30 बजे तक) में ड्यूटी पर तैनात थे। रात करीब 09:20 बजे अपने (एओआर में ) वॉच टावर नंबर 05-06 के बीच परिधि क्षेत्र की जांच करते समय अचानक उन्होंने कुछ गिरने की आवाज सुनाई दी। यह आवाज सुनने पर जीडी शामला तुरंत आवाज की दिशा में यह देखने बढ़े। पास जाकर देखा तो वह ड्रोन था।
गिरने के बावजूद भी ड्रोन सक्रिय हालत में था
उन्होंने देखा कि रिफाइनरी संयंत्र की परिधि दीवार के (संयंत्र के अंदर की तरफ ) पास एक संदिग्ध ड्रोन जमीन पर पड़ा हुआ है। गिरने के बावजूद भी ड्रोन सक्रिय हालत में था। यह देख उन्होंने बिना समय गवाए ड्रोन को उठा लिया और तुरंत ही इसकी सूचना नियंत्रण कक्ष को दी। रिफाइनरी परिसर में ड्रोन मिलने की सूचना मिलने पर तुरंत ही मौके पर क्यूआरटी, अपराध एवं असूचना अनुभाग के बल सदस्य मौके पर पहुंच गये। उन्होंने ड्रोन को देखा। आस-पास कोई भी नहीं मिला। घटना के संबंध में पुलिस को जानकारी दी गई। सीआईएसएफ के आरक्षक जीडी शामला द्वारा घटना की रिपोर्ट रिफाइनरी थाना में दर्ज करायी गई है। समाचार लिखे जाने तक इस ड्रोन के संदर्भ में किसी ने भी अपने होने का दावा नहीं किया है।
बगैर अनुमति के रिफाइनरी में प्रवेश प्रतिबंधित है
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की मथुरा रिफाइनरी में ड्रोन का मिलना खतरनाक माना जा रहा है। मथुरा रिफाइनरी बहुत ही संवेदनशील स्थल है। यहां ज्वलनशील पदार्थ का उत्पादन और भंडारण रहता है। यही कारण है कि रिफाइनरी में बगैर अनुमति के किसी का भी प्रवेश प्रतिबंधित है। रिफाइनरी में यदि किसी को जाना होता है तो पहले रिफाइनरी प्रबंधन द्वारा इसकी अनुमति दी जाती है और इसके बाद सीआईएसएफ द्वारा उसका प्रवेश के लिए पास बनाया जाता है। ऐसे स्थल पर ड्रोन के मिलने से ऐसा लग रहा है कि किसी असमाजिक तत्व द्वारा रात में ड्रोन उड़ाकर प्रतिबंधित क्षेत्र के फोटो और वीडियो लिये गये हैं। अब जांच के बाद ही यह पता लगेगा कि ड्रोन किसका था और प्रतिबंधित रिफाइनरी क्षेत्र में इसके उड़ाने का मकसद क्या था ?