– ‘कश्मीर पर हमारा दृष्टिकोण’ विषय पर किए खुलकर विचार साझा
– कश्मीर की खूबसूरती इसकी भाषा और संस्कृति में भी है : प्रो. तोमर
तहलका जज्बा / दीपा राणा
फरीदाबाद। जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा ‘कश्मीर पर हमारा दृष्टिकोण’ विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें कश्मीर से आए शैक्षणिक प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ कश्मीर को लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण प्रकोष्ठ द्वारा पंचनद शोध संस्थान, चंडीगढ़ और मीडिया छात्र संघ हरियाणा के सहयोग से आयोजित किया गया था।
कश्मीर से आए शैक्षणिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मीडिया छात्र संघ, हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने किया और इसमें शिक्षाविद् डॉ. वहीद अहमद खांडे, डॉ. खालिद रसूल भट, डॉ. रेफाज अहमद, डॉ. खुर्शीद अहमद मीर, प्रो. फारूक अहमद मलिक और मीडिया छात्र संघ के समन्वय बुरहान भट शामिल रहे।
सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने की, उन्होंने प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति तोमर ने जोर देकर कहा कि कश्मीर हमारे देश का अभिन्न अंग है और पहली बार विश्वविद्यालय में कश्मीर से एक शैक्षणिक प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए हर्ष हो रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर की खूबसूरती सिर्फ इसके परिदृश्य में ही नहीं बल्कि इसकी संस्कृति और भाषा की विशिष्टता में भी निहित है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में कश्मीर को बहुत नुकसान हुआ है, जिसने घाटी की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, लेकिन 2019 से हालात सुधर रहे हैं। उन्होंने समाज में सार्वभौमिक भाईचारे और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देकर कश्मीर को इस गति को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रो. तोमर ने कश्मीर को धरती का स्वर्ग बताते हुए कहा कि हिमालय से घिरी कश्मीर की वादियां विश्व मानचित्र पर अपनी खास पहचान रखती है। उन्होंने कश्मीर सहित देश भर के संस्थानों में अनुसंधान और विकास के महत्व पर भी बल दिया और प्रदूषण और औद्योगीकरण के कारण पर्यावरण क्षरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर में आये बदलाव का प्रत्यक्षदर्शी बनने के लिए निमंत्रण दिया। इस अवसर पर छात्र कल्याण के डीन प्रो. मुनीश वशिष्ठ, संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी के अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह, संकाय सदस्य और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।