Thursday, July 3, 2025
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केंद्रीय वित्त मंत्री और कृषि मंत्री को लिखा पत्र

-10 कृषि उपकरणों पर मुख्यमंत्री ने जीएसटी में छूट की मांग
-प्रदेश के किसानों को होगा 60 करोड़ रुपए का फ़ायदा

हिन्दुस्तान तहलका  / लोकेश गुप्ता
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के किसानों के लिए एक बार फिर हितकारी कदम उठाते हुए केंद्र सरकार से फसल अवशेष प्रबंधन में काम आने वाले 10 कृषि उपकरणों पर जीएसटी में छूट की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमन तथा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।
पत्र में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लिखा है कि हरियाणा राज्य के किसान देश के अन्न भंडार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और हरियाणा कृषि क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में से एक है। पिछले कुछ वर्षों में पराली दहन एक महत्वपूर्ण समस्या के रूप में उभरी है। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय एवम् वायु गुणवत्ता आयोग द्वारा निगरानी की जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसान नई तकनीकों को अपनाकर फसल अवशेष प्रबंधन हेतु नवीनतम कृषि उपकरणों / मशीनों का उपयोग कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनों पर अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इससे पिछले वर्ष 2024 में वर्ष 2023 की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 39% की कमी दर्ज की गई। इस समस्या के निदान हेतु राज्य सरकार ने अगले वर्ष 2025 के लिए कार्य योजना बनाई है। जिसमें फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद पर लगभग 200 करोड़ रुपये का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। इन मशीनों की खरीद पर कुल 500 करोड़ रूपये का खर्च आने की संभावना है, जिसमें लगभग 60 करोड़ रुपये किसानों पर जीएसटी (12 फीसदी की दर से) के रूप में अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। श्री सैनी ने केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मंत्रालय से फसल अवशेष प्रबंधन में प्रयुक्त किये जाने वाले कृषि उपकरण रोटावेटर , डिस्क हैरो , कल्टीवेटर , जीरो ड्रिल , सुपर सीडर , स्ट्रॉ बेलर , हैरेक , स्लेशर , रीपर बाइंडर तथा ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रे पंप की खरीद में किसानों को जीएसटी की छूट देने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर केंद्र सरकार यह छूट प्रदान करती है तो किसानों को इन तकनीकों और मशीनों के अधिक उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा और फसल अवशेषों के जलने से होने वाले वायु प्रदूषण पर रोकथाम लग सकेगी।

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