हिंदुस्तान तहलका / शिवांगी चौधरी
मथुरा – महाशिवरात्रि का पर्व ब्रज में धूमधाम,आस्था और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। यहां के शिवालयों पर शुक्रवार की सुबह से ही शिव भक्त पहुंच रहे हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। कान्हा की नगरी भोले बाबा के जयकारों से गुंजायमान हो उठी है।
गोपेश्वर महादेव पर लगी लाइन
मथुरा के वृंदावन में स्थित प्राचीन गोपेश्वर नाथ मंदिर में शिव भक्त सुबह से ही अपने आराध्य का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं। यहां भक्तों की लाइन लगी हुई है और भक्त अपनी बारी आने पर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर रहे हैं। गोपेश्वर महादेव दर्शन के लिए पहुंच रहे भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं। गोपेश्वर महादेव को भगवान श्री कृष्ण के समय का बताया जाता है। मंदिर के पुजारी पवन ने बताया जब भगवान कृष्ण ने द्वापर में महारास किया था। उस समय भगवान भोलेनाथ उस अद्भुत दर्शन करने के लिए सोलह श्रृंगार कर गोपी का रूप रखकर आए। रास करते समय भगवान कृष्ण उन्हें पहचान गए और कहा आओ गोपेश्वर। तभी से यहां भगवान शिव गोपी रूप में विराजमान हैं और उनको गोपेश्वर कहा जाता है।
यहां भी उमड़ रहे भक्त
गोपेश्वर महादेव के अलावा मथुरा के भूतेश्वर,रामेश्वर,गोवर्धन के चकलेश्वर,नंदगांव के आशेश्वर,चिंताहरण महादेव पर भी भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। भक्त भगवान भोलेनाथ का जल से अभिषेक कर रहे हैं और उनको धतूरा,सिंघाड़ा, बेर,बेलपत्र आदि अर्पित कर पूजन कर रहे हैं। हालांकि वृंदावन के गोपेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व शनिवार को मनाया जायेगा।
कान्हा की नगरी में निकली भगवान शिव की बारात
कान्हा की नगरी मथुरा में भगवान भोलेनाथ की भव्य शिव बारात निकाली गई। श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर से शुरू हुई शिव बारात की आभा देखकर श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हो गए और लगाने लगे भगवान भोले नाथ के जयकारे। भगवान शिव की बारात श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर से शुरू हुई। भगवान शिव की भव्य बारात जैसे ही मुख्य द्वार से निकलकर बाहर आई पूरा माहौल भगवान शिव के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। नंदी पर सवार भगवान भोलेनाथ की एक झलक पाने को भक्त आतुर नजर आए। शिव बारात में अलग अलग तरह की दो दर्जन झांकियां शामिल हुई।
बारात में भगवान भोलेनाथ के गण नाचते गाते चल रहे थे। कोई भूत प्रेत बना,कोई जटायु,कोई हनुमान जी बना तो कोई नारद। बारात में चल रहे बैंड भोलेनाथ के भजन गा रहे थे। श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि प्रति वर्ष श्री कृष्ण जन्मस्थान से शिव बारात निकाली जाती है। भगवान शिव का भगवान कृष्ण से अदभुत संबंध। है। जब भगवान कृष्ण प्रगट हुए तब भगवान शिव उनके दर्शन के लिए आए,जब भगवान कृष्ण ने महारास किया तब भगवान भोलेनाथ गोपी रूप रखकर आए।