तहलका जज्बा / शिवांगी चौधरी
मथुरा। विगत 13 दिसंबर को मथुरा वृंदावन रोड़ पर मृत गोवंश मामले में हुए गिरफ्तार गौ रक्षक पवन दुबे को आखिरकार करीब 25 दिन बाद जमानत मिल ही गई। इन 25 दिनों में गौ रक्षक पवन दुबे की दो बार जमानत रद्द हुई थी। अब तीसरी बार में उन्हें जमानत मिली गई है। सूत्र अनुसार मिली जानकारी के मुताबिक बाकी अन्य गौ रक्षकों को मंगलवार की शाम तक जमानत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जेल से जमानत पर बाहर निकलते ही गौ रक्षक पवन दुबे का गौ सेवकों ने चांदी का मुकुट और फूलों की मालाओं से जोरदार स्वागत किया। वहीं गौ रक्षक पवन दुबे के परिजन भी मिली जमानत से बेहद खुश नजर आए।
25 दिन की जेल यात्रा कभी भुला नहीं पाऊंगा: पवन दुबे
गौ रक्षक पवन दुबे ने कहा कि हम छह लोग हम जेल गए थे, उसमें अभी पांच जेल में ही है। जो थाने में संतों और गौ रक्षक कार्यकर्ताओं पर संतों की सरकार में जूता चला है वो निंदनीय है। संतों की जटाओं पर जो जूता चला है वो मैं 25 दिन की जेल यात्रा कभी भुला नहीं पाऊंगा। अच्छी रैंक के अधिकारी अगर संतों पर जूता चलाएंगे और ब्रजवासियों की धरोहर मथुरा नगरी पर अगर जूता चले, तो बड़ा चिंता का विषय है। पवन दुबे ने कहा कि हमारे अधिवक्ता साथी निरंतर प्रयास कर रहे हैं जल्दी ही हमारे साथी बाहर आएंगे। बाकी रही जो गौ माता की लड़ाई, वो आगे भी निरंतर जारी रहेगी और इसी प्रकार मजबूती के साथ गाय माता के लड़ते रहेंगे, मरते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे प्राण भी अगर गाय माता के लिए चले जाए,तो हमें कोई परवाह नहीं है। यह ब्रजवासियों की लड़ाई है यह संतों की लड़ाई है, यह धर्म की लड़ाई है, जो निरंतर जारी रहेगा।