तहलका जज्बा / गीतिका
गुरुग्राम। एनईपी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए छात्रों, शिक्षकों और अकादमिक लीडर्स, आम जनता से सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में एक दिवसीय परामर्श सम्मेलन आयोजित किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति: 2020 भारतीय शिक्षा, संस्कार, मूल्य और आपके सुझाव विषय पर आयोजित सम्मेलन में फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, पलवल, नूंह के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों, स्कूलों के प्राचार्य, छात्र, शिक्षक और अकादमिक लीडर्स ने भाग लिया एवं सभी ने अपने संस्थानों में लागू की गई। एनईपी-2020 के विभिन्न प्रमुख बिंदुओं के बारे में बताया और अनुभव की जा रही बाधाओं की जानकारी दी और इस विषय में अपने सुझाव दिए। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ शिक्षाविद प्रो.डीपी भारद्वाज एवं डॉ. जीतेन्द्र दहिया, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, हरियाणा, मुकेश शर्मा, विधायक, गुरुग्राम, कमल यादव, जिला अध्यक्ष भाजपा ने विशिष्ठ अतिथि एवं हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के निदेशक, आईक्यूएसी प्रोफेसर पवन शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की। जीयू के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह भी उपस्थित रहे। सम्मेलन का शुभारम्भ माननीय अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर पवन शर्मा ने कहा कि हरियाणा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के कार्यान्वयन में अग्रणी राज्य रहा है उन्होंने एनईपी के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु राज्य सरकार के परामर्श सम्मेलन अभियान की सराहना करते हुए कहा कि एनईपी 2020 देश की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी बदलाव ला रही है। इससे शिक्षार्थियों की नई पीढ़ी का पोषण हो सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि विकसित भारत 2047 के सपने को पूरा करने में एनईपी 2020 का अहम रोल है वही दूसरी और विशिष्ठ अतिथि प्रो. डीपी भारद्वाज ने कहा कि एनईपी 2020 सीखने के परिदृश्य को बदलने, देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग करने, आबादी को सशक्त बनाने और सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने की आशा का प्रतीक है। विधायक मुकेश शर्मा ने छात्रों और शिक्षकों के बीच भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को महत्वपूर्ण बताया । इस मौके पर स्वामी विवेकानंद जयंती भी मनाई गई बता दे कि एनईपी के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु सभी से सुझाव आमंत्रित करने के लिए एक पोर्टल भी तैयार किया गया है, जिसे आज 12 जनवरी, 2025 को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से लॉन्च किया गया इसके पश्चात अब राज्य स्तरीय कार्यकारी समितियां और जिला स्तरीय कार्यकारी समितियां नियमित रूप से एनईपी के कार्यान्वयन की प्रगति की देखरेख करेंगी।