➡मंदिर पर है 6 महीने से 12 लाख रुपए का बिजली बिल बकाया
हिन्दुस्तान तहलका / शिवांगी चौधरी
मथुरा – मथुरा के बरसाना में स्थित प्रसिद्ध श्री राधा रानी जी मंदिर की लाइट 11 घंटे नदारद रही। मंदिर पर विद्युत विभाग का करीब 12 लाख रुपए बिल बकाया है। मंदिर प्रबंधन द्वारा बिल का भुगतान नहीं किया गया तो बिजली विभाग ने लाइट काट दी। मंदिर की लाइट कटने से हड़कंप मच गया। किसी तरह मंदिर प्रबंधन ने गुरुवार तक का समय मांगा गया जिसके बाद मंदिर की लाइट जोड़ दी गई।
बरसाना के प्रसिद्ध श्री राधा रानी जी मंदिर पर बिजली विभाग का करीब 12 लाख रुपए बकाया है। जिसके लिए विभाग पिछले 6 महीने से तगादा कर रहा था। लेकिन मंदिर प्रबंधन द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया। बिल के भुगतान करने के लिए नोटिस भी भेजे गए। इसके बावजूद मंदिर प्रबंधन ने बिल का भुगतान नहीं किया।
लाइट कटने से मचा हड़कंप
श्री जी मंदिर की जब दोपहर 1 बजे लाइट कटी तो पहले तो समझा गया कि शायद सप्लाई बाधित हो गई है। लेकिन जब कई घंटे तक लाइट नहीं आई और पता किया तो जानकारी मिली कि बिल जमा न करने के कारण मंदिर की लाइट काट दी गई है। इसके बाद मंदिर प्रबंधन में हड़कंप मच गया। शाम होते होते जैसे जैसे अंधेरा होने लगा मंदिर भी अंधेरे में डूबने लगा। जनरेटर और इनवर्टर की लाइट से मंदिर के गर्भ गृह की तो लाइट जल गई लेकिन बाकी परिसर में अंधेरा छा गया। मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते अंधेरे में डूब गए। श्रद्धालु अंधेरे में होकर किसी तरह मंदिर में पहुंचे और राधा रानी के दर्शन किए।
गुरुवार को बिल जमा करने का मिला आश्वासन
देर शाम से श्री राधा रानी जी मंदिर प्रबंधन और बिजली विभाग के अधिकारियों के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा। रात करीब 12 बजे दोनों पक्षों में गुरुवार को बिल जमा कराने पर सहमति बनी तब जा कर 11 घंटे बाद रात 12 बजे मंदिर की लाइट जोड़ी गई। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मथुरा के एसई देहात प्रभाकर पांडे ने बताया कि 6 महीने से बिल जमा कराने के लिए कह रहे हैं लेकिन प्रबंधन टालमटोल कर रहा है। इस संबंध में मंदिर प्रबंधन से बात करने की कोशिश की तो वहां से संपर्क नहीं हो पाया। बरसाना के ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित श्री राधा रानी जी मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। वीकेंड और छुट्टी वाले दिन यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। अनुमान के मुताबिक यहां महीने में 2 करोड़ से ज्यादा का चढ़ावा भी आता है। इसके बावजूद व्यवस्था सुधारने का नाम नहीं ले रही।