⇒ लुटाए गए दो हजार किलो लड्डू
हिंदुस्तान तहलका / शिवांगी चौधरी
मथुरा – नंदगांव कौ पांडाब्रज बरसाने आयौ, भर होरी के बीच सजन समधियाने आयौ…। इन पंक्तियों के मध्य ज्योंही कान्हा की होली का संदेश लेकर आए पांडा ने बरसाना की धरा को स्पर्श किया। राधारानी के चेहरे पर सतरंगी कल्पना की मुस्कान तैर गई। ढोल-नगाड़े का शोर , शहनाई की धुन के बीच रंग-बिरंगे गुलाल उड़ने लगे। पांडा ने लड्डू बरसाते हुए बताया कि अगले दिन कान्हा अपने ग्वाल बाल के साथ होली खेलने आ रहे हैं। बरसाना की प्रसिद्ध लड्डू होली में सेवायत और भक्तों ने भी जमकर लड्डू बरसाए। रंगों के इस उत्सव में लड्डुओं की वर्षा से दुनिया भर का आनंद राधारानी के आंगन ( ब्रह्माचल पर्वत ) में सिमट गया।
दोपहर से 2000 किलो लड्डू बरसाए गए। इसे देखने के लिए लाखों श्रद्धालु बरसाना पहुंचे हैं। लठामार रंगीली होली के ठीक एक दिन पहले लाड़ली जी मंदिर का नजारा श्रद्धालुओं को आकर्षित करने लगा। बरसाना के प्रवेश द्वार से भानु महल तक जगह-जगह ढोल नगाड़ों पर श्रद्धालु थिरकते नजर आए। गुलाल और अबीर से रंगों की अद्भुत छटा बिखरने लगी। गोस्वामी समाज के लोगों ने ऊंचे स्वर में ढप और मृदंग की संगत पर गायन किया। नंदगांव से कान्हा के आगमन की सूचना देने आया पांडा, झूम कर नाचा। लड्डू की वर्षा के बीच तमाम श्रद्धालु द्वापर युगीन लीला के गवाह बने। पीले वस्त्र धारण कर विराजमान राधारानी के समक्ष सुगंधित लड्डू के साथ पंखुड़ियां, रंग-बिरंगे गुलाल की वर्षा ने ब्रजभूमि को रंगमय कर दिया। गुलाल की वर्षा ने मानो होली का प्रारंभ कर दिया।
जानिए क्या है लड्डू बरसाने के कहानी
राधारानी ने कान्हा को होली खेलने को बरसाने आने का संदेश अपनी सखी से नंदगांव भेजा। शाम को नंदगांव से पांडा कान्हा के होली खेलने की सहमति का संदेश लेकर वृषभानु महल पहुंचा। पांडा बने ध्रुव कृष्ण गोस्वामी कनाडा में एमबीए की पढ़ाई कर रहे हैं। सेवायत परिवार के ध्रुव कृष्ण गोस्वामी पांडा बनने के लिए कनाडा से ब्रजभूमि आए हैं। लाडली मंदिर सेवायत ने वृषभानु बाबा की ओर से स्वागत किया।
संदेश में छिपी होली की मस्ती की कल्पना संजोए तमाम ब्रजवासी लड्डू लेकर मंदिर पहुंचे। कान्हा का संदेश लेकर आए बुजुर्ग ब्रजवासी ने लड्डू की अधिकता देखी तो सोचा नहीं खाए तो हंसी हो जाएगी। वह खुशी में नृत्य करने लगा और लड्डू लुटाने लग गया। चारों तरफ लड्डुओं की वर्षा होने लगी। लीला को सजीव करने के लिए सेवायत और श्रद्धालु लड्डू लुटाने लगे।
भक्तों में लड्डुओं को लूटने की होड़ सी मच गई। राधारानी दरबार ने अमीरी-गरीबी का भेद मिटा दिया। सभी सिर्फ लड्डू लूटने में मस्त थे। हजारों किलो लड्डू लुटाए गए। जमकर रंग भी बरसा और पुष्प भी बरसे। समाज गायन के बाद रंगीली होली की दूसरी चौपाई निकाली गई। गोस्वामी समाज के बुजुर्ग लाड़ली जी मंदिर से महीभान मंदिर, सुदामा चौक, फूल गली होते हुई रंगीली के रंगेश्वर महादेव पहुंचे। चौपाई में समाज के युवा और बालक खुशी में नाचते-गाते चल रहे थे।
सुरक्षा के किए कड़े इंतजाम
बरसाना में लड्डू होली और लट्ठमार होली के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे बरसाना को पांच जोन में विभाजित किया गया है। सुरक्षा के लिए 2500 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। लट्ठमार होली मेला की सुरक्षा व्यवस्था में एडिशनल एसपी पांच, क्षेत्राधिकारी 15, इंस्पेक्टर 60, महिला सब इंस्पेक्टर 40, सब इंस्पेक्टर 300, महिला सिपाही 100, सिपाही 1200, होमगार्ड 500, साथ ही पांच कंपनी पीएसी की भी तैनाती की गई है।