➡कांस्टेबल को तड़पता छोड़ भागे बदमाश
➡मेले में दो पक्षों का विवाद सुलझाने गया था निरंजन सिंह
➡पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी
हिन्दुस्तान तहलका / ब्यूरो
सिरोही – महाशिवरात्रि मेले में ड्यूटी के दौरान दो पक्षों में हुए झगड़े को सुलझाने गए कांस्टेबल की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद बदमाश उन्हें तड़पता छोड़ मौके से फरार हो गए। मामला सिरोही की पिंडवाड़ा तहसील के स्वरूपगंज इलाके का है।
पुलिस के अनुसार, कांस्टेबल निरंजन सिंह मूल रूप से नागौर जिले के गोटन निवासी थे। पिछले तीन साल से सरूपगंज थाने में ही तैनात थे। महाशिवरात्रि के पर्व को देखते हुए उनकी ड्यूटी स्वरूपगंज तहसील के लौटाना गांव में महाशिवरात्रि पर लगे मेले में लगाई गई थी। इस दौरान यहां दो पक्षों में विवाद हो गया। उन्हें सूचना मिली और वह इस झगड़े को सुलझाने पहुंचे थे। शुक्रवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे से एक बजे के बीच उन्हें भीड़ में मौजूद बदमाशों ने चाकू मार दिया। हादसे की सूचना पर सिरोही एसपी अनिल कुमार, पिंडवाड़ा डीएसपी जेठू सिंह करनोत समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टर ने निरंजन को मृत घोषित कर दिया। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है। पुलिस ने शव को सरूपगंज अस्पताल में रखवाया है।
परिजनों ने शहीद का दर्जा देने की मांग की
सिरोही एसपी अनिल कुमार ने बताया कि निरंजन ड्यूटी पर थे। कुछ ही देर में अन्य पुलिसकर्मियों को वहां पहुंचना था। लेकिन, उन्होंने कहा जब तक कोई आ नहीं जाता तब तक वे वहीं रहेंगे। इसी दौरान ट्राइबल एरिया के दो गुटों में झगड़ा हो गया। कॉन्स्टेबल के चाचा मदन सिंह ने कहा- उन्होंने ड्यूटी के दौरान अपनी जान दी है। ऐसे में उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। एसपी ने बताया कि इस बारे में राज्य सरकार की जो भी प्रक्रिया है उसके अनुसार की मांग पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि कांस्टेबल निरंजन सिंह के भाई रविंद्र प्रताप सिंह वल्लभनगर में डीएसपी हैं।