हिन्दुस्तान तहलका / दीपा राणा
फरीदाबाद – देशभर में भगवान भोले की आराधना के पर्व महाशिवरात्रि की धूम है। शिवालयों में बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को फरीदाबाद शहर भी बम-बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। शहर के मंदिर व शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिरों में सुबह से ही भगवान शिव की पूजा-अर्चना शुरू हो गई। दोपहर दो बजे तक श्रद्धालु लाइन में खड़े होकर भोले बाबा का जलाभिषेक करने का इंतजार करते दिखाई दिए। शहर के सभी धार्मिक स्थलों में शिवलिंग पर जलाभिषेक एवं रूद्राभिषेक कर श्रद्धालुओं ने सुख-शांति की मनोकामना की। श्रद्धालुओं ने व्रत रखा। खासतौर पर कुंवारी लड़कियों ने वर कामना को लेकर व्रत रखा। इस मौके पर शहर में जगह-जगह भांग के प्रसाद का वितरण किया गया। जगह-जगह पर भंडारे के प्रसाद का वितरण किया गया।
शहर के विभिन्न स्थानों पर शिवरात्रि पर मंदिरों में सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी। शिवालय समेत सभी मंदिरों में शिवजी की पूजा अर्चना एवं शिवलिंग का जलाभिषेक कार्यक्रम देर तक जारी रहा।
फरीदाबाद के सबसे ऊंचा शिवलिंग का किया गया जलाभिषेक
सैनिक कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में शिवरात्रि पर हजारों श्रृद्धालुओं की उपस्थिति में सबसे ऊंचे शिवलिंग की पूजा-अर्चना की गई। मंदिर में सवा इक्कीस फुट ऊंचा शिवलिंग राज्य का सबसे विशाल शिवलिंग माना जाता है। श्रद्धालुओं ने मंदिर की पहली मंजिल पर बनाए गए प्लेट फार्म पर चढ़कर जलाभिषेक किया। भक्तों ने शिवलिंग का भव्य पुष्प श्रृंगार कर भव्य ढंग से सजाया गया। आज महाशिवरात्रि के अवसर पर सैनिक कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में सवा 21 फीट के शिवलिंग पर रुद्राभिषेक किया गया । इस मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुंचकर शिव आराधना की और शिवलिंग पर दूध और गंगाजल चढ़ाकर इस पवित्र पर्व को मनाया। सरस्वती की मूर्ति सहित अन्य मूर्तियों का श्रृंगार किया गया।
सैनिक कालोनी के शिव मंदिर में अपनी मुराद
भगवान शिव के अलावा माता पार्वती, भगवान श्री गणेश, कार्तिकेय और नंदी महाराज की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने और जल अर्पित करने से ही भोलेनाथ की पूजा का पूरा फल मिलता है। नंदी महाराज को भोलेनाथ का प्रिय माना जाता है। मान्यता है कि भोलेनाथ नंदी जी की बात को नहीं टालते, इंसान के मन की मुराद भगवान शिव तक पहुंचाने के लिए नंदी जरिया बनते हैं। इसलिए लोग शिव के बजाय नंदी के कानों में अपनी मनोकामना कहते हैं।
श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में सविधि संपन्न हुआ महाशिवरात्रि का पर्व
देवों के देव महादेव का पूजन बहुत ही सुखदाई और समस्त कष्टों से मुक्त करने वाला है। यह बात श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम के अधिपति जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने भक्तों के बीच कही। वह यहां आयोजित महाशिवरात्रि पर्व में भगवान महादेव के अभिषेक के बाद भक्तों के बीच प्रवचन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शिवरात्रि तो वर्ष के 12 महीनों में आती है लेकिन महाशिवरात्रि केवल एक ही बार आती है। इसलिए यह भगवान महादेव को प्रसन्न करने का प्रमुख पर्व है। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि महादेव अपने भक्तों की पुकार को जल्द और सहज ही सुनते हैं। इसलिए उनके भक्तों की संख्या भी दुनिया में सर्वाधिक पाई जाती है। उन्होंने कहा कि आज के दिन यानि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन भगवान का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था। इसलिए हम अपने महादेव का अभिषेक करते हैं और पर्व मनाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें भगवान भोलेनाथ सिखा रहे हैं कि बेशक हमारी वृत्तियां अलग अलग हों लेकिन हमें समभाव से रहना चाहिए। आप देखें कि उनके परिवार में अनेक विसंगतियां हैं लेकिन वह सभी महादेव के आगे समर्पित हैं। माता पार्वती का वाहन शेर है जो भगवान शिव की सवारी नंदी का शिकारी है, कार्तिकेय का वाहन मोर है जो भगवान शिव के गले में पड़े सर्प का दुश्मन है, वहीं सर्प स्वयं गणेश की सवारी चूहे का दुश्मन है। लेकिन सभी भगवान के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम भगवान महादेव का पूजन करते हैं तो हमें उनके चरित्र पर भी ध्यान देना होगा और उन गुणों को अपने जीवन में लागू करना होगा। उन्होंने भगवान के मूर्त रूप का अभिषेक किया और सभी प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर देश विदेश से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। उन्होंने भगवान शिव की मूर्ति पर गंगाजल एवं दूध के साथ अभिषेक किया।
इन मंदिरों में उमड़ी आस्था, हुआ जलाभिषेक
एनआईटी टाउन नंबर 5 रेलवे रोड स्थित बांके बिहारी मंदिर में भी सुबह से भोले बाबा के दर्शन के लिए भक्त की कतारें लगी रही। एनआईटी में ही तत्कालेश्वर मंदिर, श्री राधा सर्वेश्वर मंदिर, हनुमान मंदिर, एनआईटी तीन नंबर मार्केट स्थित हनुमान मंदिर, ओल्ड फरीदाबाद पुरानी सब्जी मंडी स्थित शिव मंदिर, मथुरा रोड स्थित हनुमान मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, शिव मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, गीता मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, सनातन धर्म मंदिर, हनुमान मंदिर, श्री सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर, काली मंदिर और श्री शिर्डी सांई बाबा मंदिर में चार पहर की पूजा व रुद्राभिषेक की रस्म अदा की गई।
ठंडाई का प्रसाद वितरित किया गया
कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर महादेव को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। भांग भी महादेव को अत्यंत प्रिय है। इस दिन तमाम लोग महादेव को ठंडाई का भोग लगाते हैं और प्रसाद रूप में वो भक्तों को बांटी जाती है। ठंडाई भांग वाली और बिना भांग वाली दोनों तरह की बनाई जाती है और ठंडाई के बगैर महाशिवरात्रि का पर्व ही अधूरा है। फरीदाबाद सेक्टर-16 बाढ़ मोहल्ला स्थित श्री भुमिया बाबा मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर ठंडाई का प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर विशाल पाराशर, तारा मास्टर, कालू भगत और निशा का योगदान रहा।