नितिन गुप्ता / मुख्य संपादक
हिंदुस्तान तहलका / चंडीगढ़ – बुधवार को नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। हरियाणा के भाजपा नेता सुभाष बराला (BJP leader Subhash Barala) ने राज्यसभा सदस्य की शपथ ली। नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। बराला का कार्यकाल तीन अप्रैल यानी आज से शुरू हो जाएगा। बराला डीपी वत्स की जगह राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुभाष बराला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Former Chief Minister Manohar Lal) के करीबी माने जाते हैं।
निर्विरोध राज्यसभा सांसद बने सुभाष बराला
यही वजह है कि 2019 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी उन्हें नवंबर 2020 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार द्वारा हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए ही तीन माह पूर्व नवंबर 2023 में उन्हें हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण की कार्यकारी समिति का चेयरमैन भी नियुक्त किया गया। हरियाणा से राज्यसभा के लिए नामांकन भरने वाले भाजपा (BJP) के प्रत्याशी सुभाष बराला ने ही नामांकन किया था। विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा था। इस कारण से भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा नामित रिटर्निंग ऑफिसर आईएएस डॉ. साकेत कुमार द्वारा उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया था।
बराला का कार्यकाल 3 अप्रैल यानी आज से शुरू हो जाएगा। सुभाष बराला अक्टूबर, 2014 से अक्टूबर, 2019 तक फतेहाबाद जिले के टोहाना विधानसभा हलके से भाजपा विधायक रहे हैं। हालांकि, अक्टूबर, 2019 में वह उसी सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे। हालांकि, उसके एक वर्ष बाद नवंबर 2020 में उन्हें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार द्वारा हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए ही तीन माह पूर्व नवंबर 2023 में उन्हें हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण की कार्यकारी समिति का चेयरमैन भी नियुक्त किया गया।
पूर्व सीएम के करीबी हैं सुभाष बराला
वर्ष 2019 का विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने सुभाष बराला को हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो का चेयरमैन बना दिया। इससे पहले वह हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। चूंकि, बराला सीएम मनोहर लाल के करीबी हैं, इसलिए इस बार सीएम ने खुद उनके नाम को लेकर लॉबिंग की। इस पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से खुद चर्चा की।