-थीम स्टेट गुजरात के कलाकारों ने गोपरास की प्रस्तुति से आध्यात्मिक बनाया चौपाल का माहौल
-देश विदेश से आए अन्य कलाकारों ने भी अपने देश की संस्कृति से पर्यटकों को करवाया परिचित
हिन्दुस्तान तहलका / दीपा राणा
सूरजकुंड / फरीदाबाद – 37वां सूरजकुंड मेला देश-विदेश की सस्कृति, समृद्ध विरासत को अपने आप में संजोए हुए है। मेले में देश के अलग-अलग प्रांतों के साथ-साथ विश्व के करीब 50 देशों के कलाकार भी अपनी सस्कृति व समृद्ध विरासत से लोकगायन, वाद्यन और लोकनृत्य द्वारा मेले में आने वाले पर्यटकों का परिचय करवा रहे हैं। पर्यटक भी देशी-विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियों को देखकर उनकी सराहना कर रहे हैं।
सूरजकुंड मेला में स्थित छोटी व बड़ी चौपाल पर दिनभर देश-विदेश के कलाकार अपनी-अपनी लोक भाषाओं में शानदार प्रस्तुतियां देकर पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। गुरुवार को सूरजकुंड मेला की मुख्य चौपाल पर देश के विभिन्न प्रांतो तथा अलग-अलग देशों से आए कलाकारों ने अपने देश की संस्कृति, पटकथाओं, वीरगाथाओं को अपने गीत-संगीत में शानदार ढंग से प्रदशित कर पर्यटकों का मन जीत रहे हैं। मेले के थीम स्टेट गुजरात के सुरेंद्र नगर के मालधारी रास मंडल ने गोपरास की बेहतरीन प्रस्तुति देकर चौपाल का माहोल आध्यात्मिक बना दिया। गोपरास भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोकुल व वृंदावन में सभी ग्वालो के साथ गाय चराते समय किया करते थे। इस रास की विशेषता यह है कि इसमें सभी कलाकार खेलते-खेलते मोरपंख बंधी हुई बड़ी लकड़ी और साड़ी के साथ गुंथन करते हैं। रूस के रोस्टैं ग्रुप ने पौराणिक कथाओं पर आधारित शादी विवाह में किए जाने वाले नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। इसी कड़ी में इथोपिया देश के कलाकारों ने अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ इथोपियन सोनाली नृत्य प्रस्तुत किया। मुख्य चौपाल पर नाइजीरिया के कलाकारों ने फलानी डांस की मन मोहक प्रस्तुति दी। फलानी डांस लडक़े व लड़कियों द्वारा युवावस्था में शादी से पहले किया जाने वाला नृत्य है। कैपवर्दे के हेल्युबतालि गायक कलाकार ने सोलो गीत की शानदार प्रस्तुति दी।
बेलारूस देश के कुलूसकी गौरी ग्रुप ने अपनी वेशभूषा और लोक कला का सुंदर प्रदर्शन किया। गाम्बिया के कलाकारों ने अपने कमिश्नर मुस्तफा जवारा की अध्यक्षता में मुख्य चौपाल पर गीत व डांस की सुंदर प्रस्तुति से सभी पर्यटकों का मन मोह लिया। गाम्बिया के कमिश्नर मुस्तफा जवारा ने बताया कि भारत और गाम्बिया का आपस में गहरा नाता है। उन्होंने अपने देश के कलाकारों को प्रशंसा पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। भारत देश की आवभगत देखकर अति प्रसन्न हुए होते हुए उन्होंने कहा कि उनके देश के कलाकार प्रतिवर्ष सूरजकुंड मेला में अपनी प्रस्तुतियां देने आते रहेंगे। इस अवसर पर उनके साथ गाम्बिया देश के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
अलग-अलग प्रांतों से आए कलाकारों ने छोटी चौपाल पर लगाए रखा पर्यटकों का मन
इसी प्रकार मेले की छोटी चौपाल पर भी विभिन्न कलाकारों ने अपनी-अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन लगाए रखा। अंबाला के मुद्रा गु्रप ने कत्थक नृत्य, अशोक गुड्डू व अकरम आर्य ने हरियाणवी लोकनृत्य, रविंद्र एंड गु्रप ने रागनी, मंजू अरोड़ा ने गजल, वान्या दल ने फिल्मी बैंड, सप्तरंग आर्ट से सचिन ने इन्कलाब जिंदाबाद, पंजाब के रवि ने भंगड़ा, असम के राजीव ने वीहू नृत्य, उड़ीसा के राजकिशोर मोजी ने जप नृत्य,महाराष्ट्र के विक्की एंड गु्रप ने लावणी नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुतियां देकर छोटी चौपाल पर दर्शकों को थिरकने पर विवश कर दिया।