हिंदुस्तान तहलका / संवाददाता
फरीदाबाद डीसीपी ट्रैफिक उषा देवी (DCP Traffic Usha Devi) के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए ट्रैफिक इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने वीरवार को दिल्ली स्कॉलर इंटरनेशनल स्कूल के बस ड्राइवर तथा कंडक्टर के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट इंचार्ज को सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जानकारी दी।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि यातायात पुलिस ने सुरक्षित वाहन पॉलिसी के तहत अभियान शुरू किया है जिसने स्कूल की बसों में छात्रों को ले जा रहे वाहन चालकों को बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें यातायात व सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसी के तहत ट्रैफिक इंस्पेक्टर द्वारा स्कूल के ट्रांसपोर्ट विभाग को इस संबंध में अहम जानकारियां दी गई। इसके साथ ही बसों में जो थोड़ी बहुत कमियां है उन्हें जल्द से जल्द ठीक करवाने के बारे में हिदायत दी गई।
शिक्षण संस्थानों व स्कूल बस चालकों के लिए सुरक्षा नियम
– स्कूल बस पीले रंग के पेट की हुई हो जिसपर खिड़की के नीचे गहरे नीले रंग की पट्टी हो।
-बस के आगे सफेद, पीछे लाल तथा साइड में पीली रिफ्लेक्टिव टेप लगी हो।
-बस की स्पीड शहर के किसी भी एरिया में 50 किलोमीटर/घंटा से अधिक ना हो।
-स्कूल के आगे व पीछे स्कूल बस लिखा हो।
-बस बाहर से हायर की गई हो तो उस पर “ऑन स्कूल ड्यूटी” साफ-साफ लिखा हो।
-स्कूल बस प्रॉपर मेंटेन हो और उस पर प्रशिक्षित ड्राइवर व कंडक्टर तैनात किए गए हो।
-बस चलाने का परमिट या परमिशन ली हुई हो।
– बस के ड्राइवर के पास कम से कम 5 साल का अनुभव हो।
-बस ड्राइवर का तीन बार से अधिक चलान न कटा हो।
– बस ड्राइवर के 5 साल का अनुभव, अपराधी ना हो।
-यदि बस में लड़कियां सफर कर रही हो तो उसके लिए महिला कंडक्टर होनी चाहिए।
-स्कूल की बाउंड्री के अंदर पार्किंग स्थान अवश्य होना चाहिए।
-बस बच्चों को स्कूल के अंदर उतारे।