बरसाना के चेयरमैन प्रतिनिधि पदम फौजी बोले -ब्रज आकर नाक रगड़े
तहलका जज्बा / शिवांगी चौधरी
मथुरा। पुराण कथा प्रवक्ता पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ मथुरा के बरसाना में साधु-संत, धर्माचार्य और ब्रजवासियों की महापंचायत हुई है। राधा राधी पर पं. प्रदीप के दिए बयान से धर्माचार्यों में गुस्सा है। इसमें 7 संगठन के लोग भी शामिल हुए हैं। ब्रज के धर्माचार्यों ने प्रदीप मिश्रा को शास्त्रार्थ करने की खुली चुनौती दी है। महापंचायत बरसाना में रह रहे पद्मश्री रमेश बाबा के गहवर वन क्षेत्र स्थित मान मंदिर के रास मंडप में हो रही है। बरसाना के चेयरमैन प्रतिनिधि पदम फौजी ने आक्रोशित होकर कहा कि हम सभी बृजवासी पहले भी इकट्ठा हुए थे। उसे (प्रदीप मिश्रा) को सात दिनों का समय दिया गया था। लेकिन, उसने कोई पहल नहीं की। हमारा बृज ब्रह्मा की श्रृष्टि से अलग है।
पदम फौजी ने कहा कि हमारी पटरानी ब्रज की सरकार हैं। 64 कलाओं से तृप्त हैं। हमारी सब कुछ यहीं हैं। उनके खिलाफ असभ्य टिप्पणी की गई है। उनके लिए हम अपने प्राण दे सकते हैं। अगर उसने अपने आप में परिवर्तन नहीं किया, तो बृज में पैर रखते ही उसका सिर धड़ से अलग कर दिया जाएगा। प्रदीप मिश्रा ने जो कुछ बोला है। वो माता रानी के चरणों में आकर नाक रगड़े और माफी मांगे और बोले राधे-राधे…।
महापंचायत में 7 संगठनों के लोग शामिल हुए हैं।
महापंचायत के मंच पर पद्म श्री रमेश बाबा, संत गोपेश बाबा, पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के पंकज बाबा, बांके बिहारी मंदिर के आनंद बल्लभ गोस्वामी, प्रबंधक मुनीश, श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर के गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, बलदेव मंदिर के राम कटोर पांडे, नंदगांव मंदिर के सुशील गोस्वामी, बरसाना के मंदिर से प्रवीण गोस्वामी, किशोरी श्याम गोस्वामी, संत आदित्यानंद महाराज आदि 200 धर्माचार्य मौजूद हैं। महापंचायत में एक हजार से अधिक लोग पहुंचे।
धर्माचार्य रमाकांत गोस्वामी ने बताया कि बरसाना में इस महापंचायत में श्री जी यानी राधा रानी के भक्त शामिल हुए हैं। इसमें मान मंदिर सेवा संस्थान, ब्रज तीर्थ देवालय न्यास, धर्म रक्षा संघ, ब्राह्मण सेवा संघ, तीर्थ पुरोहित समाज, गौ रक्षक दल, यमुना भक्तों के अलावा ब्रजवासी आए हैं। पद्मश्री रमेश बाबा ने कहा कि राधा रानी श्री कृष्ण की आत्मा हैं। महापंचायत में जो निर्णय लिया जाएगा, वही सर्वमान्य होगा। हम भी वही मानेंगे। उनके प्रतिनिधि राधा कांत शास्त्री ने कहा- कि हमारे फॉलोअर्स पूरी दुनिया में हैं। अगर प्रदीप मिश्रा ने माफी नहीं मांगी, तो उन्हें बता दिया जाएगा कि वो कितने सामान्य प्राणी हैं। प्रदीप मिश्रा ने बहुत खराब टिप्पणी की है। उसने अनर्गल बातें करते हुए साधु-संतों और भक्तों का अपमान किया है। उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा।
ऐसा निर्णय लेना होगा कि कोई कभी भगवान के खिलाफ न बोले
धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि प्रदीप मिश्रा ने अहम में आकर जो अमर्यादित टिप्पणी की थी। उसे लेकर माफ नहीं करेंगे। उसे 7 दिन का समय दिया था, लेकिन उसने उल्टा ब्रजवासियों को धेनु का सुर कहा। तुलसीदास जी को लेकर बयान दिया। इस मंच से आज ऐसा निर्णय लेना पड़ेगा, जिसके बाद कोई भी व्यक्ति राधा रानी और कृष्ण भगवान के खिलाफ कुछ भी बोलने से पहले हजार बार सोचे। प्रदीप मिश्रा के खिलाफ कठोर दंड रखा जाए।
कालनेमि जैसा इलाज किया जाना चाहिए
श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि आप शास्त्रों के विरुद्ध बोलेंगे, आप आस्था के खिलाफ बोलेंगे। आज जो समूह एकत्रित हुआ है। यह लोगों द्वारा दिए गए बयान पर पहले ही एकजुट हो जाते तो इस तरह के बयान सामने न आते। अगर कालनेमि जैसे रूप में साधु आया है, तो उसको उसी तरह का इलाज किया जाना चाहिए। व्यास पीठ पर बैठकर कोई मदिरा पान कर रहा कोई डांस कर रहा है, यह बंद होना चाहिए। तभी ब्रज की भगवान कृष्ण राधा रानी की सेवा कर सकेंगे।
बरसाना आकर माफी मांगें प्रदीप मिश्रा
साधु संत और धर्माचार्यों का कहना है कि प्रदीप मिश्रा अहम में हैं। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की आह्लादिनी शक्ति श्री राधा रानी के विवाह आदि गूढ़ तत्व के विषय में अमर्यादित टिप्पणी की है। इसके बाद भी वह अपनी गलती को मानने को तैयार नहीं हैं। प्रदीप मिश्रा बरसाना आएं और राधा रानी के चरणों में माफी मांगें। महंत फूलडोल बिहारी दास महाराज ने कहा कि जिस प्रकार प्रदीप मिश्रा द्वारा हमारी आराध्या राधा रानी जी पर अमर्यादित टिप्पणी की गई और उसके बाद भी अपनी भूल को ना मानते हुए लगातार सनातन धर्म का अपमान किया गया। इसी को लेकर संत समाज ने उन्हें सबक सिखाने की ठान ली है।
प्रदीप मिश्रा के इस बयान पर छिड़ा विवाद
पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था कि राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थीं। पं. मिश्रा ने कहा कि कुछ लोग शिव पुराण का विरोध करना चाहते हैं। इस व्यास पीठ का विरोध करना चाहते हैं। प्रदीप मिश्रा का विरोध करना चाहते हैं। वो लोग राधा रानी की आड़ में बदनाम करना चाहते हैं। ब्रजवासी इतना भोला है कि वो समझ नहीं पा रहा। जिस दिन आप कहो, राधा रानी के चरणों में आकर दंडवत कर लूं। आप बोलो जितने दिन तक राधा रानी के चरणों में पड़ा रहूं। मेरी मां हैं वो। उनसे मेरा बैर नहीं है।