हिंदुस्तान तहलका/नितिन गुप्ता
श्री अग्रवाल ने बताया कि चुनाव ड्यूटी के दौरान दी जाने वाली यह एक्सग्रेशिया राशि केंद्रीय गृह मंत्रालय या राज्य सरकार या अन्य नियोक्ता द्वारा दी जाने वाले अनुकंपा राशि से अतिरिक्त होगी। उन्होंने बताया कि अनुकंपा राशि की प्रक्रिया शुरू करने की जिम्मेवारी जिला निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक की होगी और कर्मचारी की मृत्यु, दिव्यांगता इत्यादि होने की घटना की तिथि से 10 दिन के अंदर-अंदर आरंभ करनी होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा एक माह के भीतर संबंधित मामले का निपटान सुनिश्चित किया जाएगा।
चुनाव डयूटी घोषणा से लेकर परिणाम तक मानी जाएगी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पोलिंग कर्मियों के लिए ट्रेनिंग केंद्र, डिस्पैच तथा रिसिविंग केंद्रों पर स्वास्थ्य देखभाल, फर्स्ट-ऐड इत्यादि की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी और डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ युक्त एक एंबुलेंस की भी व्यवस्था होगी। साथ ही, सभी जिला निर्वाचन अधिकारी चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के वेलफेयर व अन्य सुविधाओं के लिए किसी वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नामित करेंगे और इसकी जानकारी मुख्यालय को देंगे। उन्होंने बताया कि चुनाव डयूटी की समयावधि चुनावों की घोषणाओं की तिथि से लेकर परिणाम की तिथि तक ( दोनों दिनों को शामिल करते हुए ) मानी जाएगी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि चुनाव के दौरान कठोर गतिविधियां शामिल होती हैं, जो विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों सहित चुनाव मशीनरी द्वारा पूरी की जाती हैं। ये कर्मी चुनाव के स्वतंत्र और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के साथ अपने जीवन को जोखिम में डालने जैसा चुनौतीपूर्ण कार्य करते हैं। उनके द्वारा किए गए योगदान को देखते हुए ही आयोग ने मृत्यु के मामले में मृत कर्मियों के निकट संबंधियों को अनुग्रह राशि के रूप में मुआवजा या गंभीर चोट के परिणामस्वरूप स्थायी विकलांगता के मामले में कर्मियों के लिए सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया है।