Thursday, December 5, 2024
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Haryana News: मैरिंगो एशिया अस्पताल गुरुग्राम ने शुरू किया लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का बोन मैरो ट्रांसप्लांट विभाग

⇒ ब्लड डिसऑर्डर में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के इलाज की है अहम भूमिका

हिंदुस्तान तहलका / गीतिका

गुरुग्राम – मैरिंगो एशिया अस्पताल ने गुरुग्राम व आसपास के मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से अपने यहां बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की शुरुआत की है। अस्पताल में हेमेटोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट (Hematology and Bone Marrow Transplant) के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉक्टर मीत कुमार इस विभाग को लीड कर रहे हैं। जबकि पीडिएट्रिक हेमेटो-ऑन्कोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट के कंसल्टेंट डॉक्टर नीरज तेवतिया डॉक्टर मीत को सहयोग कर रहे हैं।

अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर मीत कुमार ने कहा कि ब्लड डिसऑर्डर कैंसर के सबसे घातक रूपों में से एक है जो जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। ऐसे में लोगों के बीच ये जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट के जरिए इन बीमारियों को स्थायी रूप से ठीक किया जा सकता है। खून का कैंसर, मल्टीपल मायलोमा, एप्लास्टिक एनीमिया, थैलेसीमिया मेजर, सिकल सेल डिजीज जैसी जिन बीमारियों को घातक माना जाता था, और जिन में कीमोथेरेपी व रेडियोथेरेपी जैसे पारंपरिक विकल्प फेल हो जाते हैं, उनका अब बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) के जरिए सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।

डॉ. मीत ने बताया कि हेमेटोलॉजी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन में काफी तरक्की हुई है। जिसकी मदद से बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन अब उन रोगों के लिए भी कामयाब बन गया है। जिन्हें पहले इलाज योग्य नहीं समझा जाता था और हालत मरने जैसी हो जाती थी। बोन मैरो रक्त कोशिका उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और बीएमटी में क्षतिग्रस्त या बेकार बोन मैरो की जगह स्वस्थ कोशिकाओं को लगाया जाता है। इस प्रक्रिया को मोटे तौर पर दो प्रकारों में बांटा गया है। एलोजेनिक, इसमें मिलते-जुलते डोनर के टिशू का इस्तेमाल होता है और दूसरा है ऑटोलॉगस।

जिसमें मरीज की स्टेम कोशिकाओं का उपयोग किया जाता है। हाल की प्रगति ने हैप्पी आईडेंटिकल ट्रांसप्लांट को काफी सक्षम बनाया है, जिसमें 50 फीसदी मैच वाले डोनर के होते हुए सफल ट्रांसप्लांट हो जाता है। इस तरह के इनोवेशन ने बीएमटी की तत्काल आवश्यकता वाले मरीजों के इंतजार को खत्म करने का काम किया है।
अस्पताल के सीईओ डॉक्टर राजीव सिंघल ने कहा कि जैसा कि हम आज अपनी बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट का उद्घाटन कर रहे हैं, इसके साथ ही हम ब्लड संबंधी विकारों और इलाज की एडवांस पद्धतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का भी आगाज करते हैं।

हम आशा, इलाज और अग्रणी चिकित्सा देखभाल की यात्रा शुरू कर रहे हैं और सही जानकारी व जागरूकता के साथ आम जनता की सहायता करने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। बोन मैरो की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए हम सीमाओं से परे जाकर उन्हें बेस्ट ट्रीटमेंट मुहैया करा रहे हैं। बचाव के उपायों के बारे में जानकारी देकर, लक्षणों की पहचान करने की भूमिका बताकर और एडवांस इलाज के बारे में बताकर हम क्लिनिकल एक्सीलेंस और स्किल्ड प्रोफेशनल के साथ मरीजों की देखभाल के मिशन में समर्पण भाव से बढ़ रहे हैं।

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