हिंदुस्तान तहलका / शिवांगी चौधरी
मथुरा – ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा लेने के लिए हुए प्रदर्शन के दौरान 17 साल पहले मथुरा में हुए उग्र आंदोलन,बलवा के मामले में शुक्रवार को मथुरा कोर्ट ने फैसला सुनाया। इस मामले में एमपी, एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री सरदार सिंह सहित 6 लोगों को बरी कर दिया। मंगलवार को इस मामले में फैसला आना था लेकिन कोर्ट की व्यस्तता के कारण इसमें शुक्रवार की तारीख दी गई थी।
मथुरा के थाना राया क्षेत्र में 22 मार्च 2007 को किसान व अन्य लोग पूर्व मंत्री सरदार सिंह के नेतृत्व में मुआवजे की मांग को लेकर मथुरा डीएम ऑफिस आ रहे थे। यह लोग जब राया कस्बा स्थित चौराहा पर पहुंचे तभी वहां मौजूद पुलिस बल ने इनको रोक दिया। जिसके बाद भीड़ में मौजूद कुछ लोग आक्रोशित हो गए और हंगामा हो गया।
कासगंज रेल ट्रैक पर ट्रेन को रोकी, वाहनों में की थी तोड़फोड़
प्रदर्शन कर रही भीड़ में से असामाजिक तत्वों ने मौके का फायदा उठाते हुए मथुरा कासगंज रेल ट्रैक पर ट्रेन को रोक दिया। वहीं कुछ लोगों ने वाहनों में तोड़फोड़ कर दी थी। इस दौरान मौके पर भारी बलवा,हिंसा और प्रदर्शन हुआ था। किसी तरह हंगामा शांत होने के बाद पुलिस ने अपनी तरफ से मुकद्दमा दर्ज किया। राया में हुए बलवा,हिंसा के मामले में पुलिस ने पूर्व मंत्री सरदार सिंह सहित 53 लोगों को नामजद किया गया था। पुलिस ने मुकदमे में भीड़ का नेतृत्व पूर्व मंत्री सरदार सिंह के द्वारा करना दिखाया। पुलिस ने इस मामले में 53 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
53 में से 47 आरोपी हो चुके थे पूर्व में बरी
यह मामला एमपी, एमएलए कोर्ट में पहुंचा। जहां सुनवाई के दौरान 53 में से 47 आरोपियों को कोर्ट ने पूर्व में ही बरी कर दिया था। जबकि पूर्व मंत्री सरदार सिंह, छत्रपाल,प्रहलाद, राजेंद्र,असलम खान और रवि के खिलाफ सुनवाई चलती रही। पूर्व मंत्री सहित 6 लोगों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट को मंगलवार को फैसला सुनाना था। लेकिन कोर्ट की व्यस्तता के चलते फैसला शुक्रवार तक के लिए टल गया था। शुक्रवार को पूर्व मंत्री सरदार सिंह अपने छह साथियों के साथ मथुरा कोर्ट पहुंचे। जहां दोपहर बाद कोर्ट ने उनको बरी करने का फैसला सुनाया तो पूर्व मंत्री के चेहरे पर खुशी छा गई। पूर्व मंत्री सरदार सिंह ने कोर्ट ने इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि सत्य की जीत हुई है।